Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 1 min read

दोहे- चरित्र

हिन्दी दोहा विषय – चरित्र

जब चरित्र बिकने लगे , धन की हो भरमार |
राना तब होने लगे , पापों का व्यापार ||

पुष्प लगानें जब लगें , अपने ऊपर इत्र |
राना खुश्बू का वहाँ, होता पतन चरित्र ||

सत्य कृत्य के शुचि वचन , होते सदा पुनीत |
राना इनके भाव से , हो चरित्र की जीत ||

जैसी संगत नर करे , हो राना बदलाव |
तब चरित्र होता प्रकट , बतलाता है भाव ||

यदि चरित्र उज्ज्वल रहे , नर बनता गुणवान |
राना रखता पास है , सदा श्रेष्ठ सम्मान ||

राना पत्नी से कहे , तुम घर में हो इत्र |
बोली‌ वह यह सूँघना , सीखा कहाँ चरित्र ||
***
दोहाकार -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

2 Likes · 306 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मेरे भीतर मेरा क्या है
मेरे भीतर मेरा क्या है
श्रीकृष्ण शुक्ल
दो शे'र - चार मिसरे
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जन्म-जन्म का साथ.....
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
श्रम साधिका
श्रम साधिका
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
Ranjeet kumar patre
मजदूर हूँ साहेब
मजदूर हूँ साहेब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
sp110 Share Like Follow
sp110 Share Like Follow
Manoj Shrivastava
ग़ज़ल में है
ग़ज़ल में है
Kunal Kanth
*कबूतर (बाल कविता)*
*कबूतर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
अंधेरों से जा मिला
अंधेरों से जा मिला
अरशद रसूल बदायूंनी
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
बहुत बरस गुज़रने के बाद
बहुत बरस गुज़रने के बाद
शिव प्रताप लोधी
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
रिश्ता मेरा नींद से, इसीलिए है खास
रिश्ता मेरा नींद से, इसीलिए है खास
RAMESH SHARMA
ग्रहस्थी
ग्रहस्थी
Bodhisatva kastooriya
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
Rj Anand Prajapati
सास बहू
सास बहू
Arvina
अब नहीं
अब नहीं
Seema gupta,Alwar
श्री राम जी से
श्री राम जी से
Dr.sima
..
..
*प्रणय*
* थके नयन हैं *
* थके नयन हैं *
surenderpal vaidya
लंका दहन
लंका दहन
Jalaj Dwivedi
"ठोकरों में"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आँखे हमारी पढ़ ले...
आँखे हमारी पढ़ ले...
Manisha Wandhare
Loading...