दोहा
दिनांक – ०२/०५/२०२०
पाती पढ़कर प्रेम की,खिला है अंग-अंग।
सब कुछ है रंगा हुआ, चढ़ा है प्रेम-रंग।।५५।।
विनय कुशवाहा ‘विश्वासी’
देवरिया (उत्तर प्रदेश)
दिनांक – ०२/०५/२०२०
पाती पढ़कर प्रेम की,खिला है अंग-अंग।
सब कुछ है रंगा हुआ, चढ़ा है प्रेम-रंग।।५५।।
विनय कुशवाहा ‘विश्वासी’
देवरिया (उत्तर प्रदेश)