Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Suryakant Dwivedi
46 Followers
Follow
Report this post
28 Dec 2022 · 1 min read
दोहा
माँ है ऐसी साधना, मन्त्र, जाप संकल्प।
अक्षत, रोली तात है, युग युग नहीं विकल्प।।
सूर्यकांत
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
1 Like
· 175 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Suryakant Dwivedi
View all
सूर्यांश
Surya Kant Dwivedi
You may also like:
तू बढ़ता चल....
AMRESH KUMAR VERMA
सहज - असहज
Juhi Grover
4811.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
Rachana
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
सज गई अयोध्या
Kumud Srivastava
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
ज़माने ने मुझसे ज़रूर कहा है मोहब्बत करो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
Ajit Kumar "Karn"
😢आम सूचना😢
*प्रणय*
घमंड
Ranjeet kumar patre
स्नेह - प्यार की होली
Raju Gajbhiye
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रेम!
कविता झा ‘गीत’
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
Neelofar Khan
फ़िक्र
Shyam Sundar Subramanian
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
हर कोई समझ ले,
Yogendra Chaturwedi
मैं हूं ना
Sunil Maheshwari
पत्थर
manjula chauhan
आज रविवार है -व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
अटल बिहारी मालवीय जी (रवि प्रकाश की तीन कुंडलियाँ)
Ravi Prakash
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"कलाकार"
Dr. Kishan tandon kranti
*कृष्ण की दीवानी*
Shashi kala vyas
Y
Rituraj shivem verma
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
पूर्वार्थ
Loading...