दोहा- मीन-मेख
हिन्दी विषय – मीन- मेख
#राना विविध विचार हो, बात रहे शालीन |
मीन-मेख से मत कभी , नहीं करो तौहीन ||
कोई कहता एकता , रखना भाई जोड़ |
मीन-मेख पर वह करें , #राना रिश्ते तोड़ ||
बनते ज्ञानी है अधिक , अधकुचरे कुछ वीर |
मीन- मेख के फेंकते , #राना हरदम तीर ||
मीन-मेख की आदतें , #राना कभी न पाल |
सदा सृजन में रत रहो , होगा तभी कमाल ||
मीन- मेख नेता करें , भाषण से तकरार |
#राना सब कुछ जानता , यह उनका व्यापार ||
एक दोहा हास्य –
मीन- मेख मेरी करे , धना खोलती राज |
#राना को आते नहीं , कोई ढ़ँग के काज ||
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✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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