दोहा बिषय- दिशा
दोहा विषय – दिशा
दिशा हीन #राना मनुज , जग में रहे उदास ||
बौराया -सा घूमता , रहे न कुछ भी पास ||
निर्धारित है यदि दिशा , होता अनुसंधान |
#राना यह भी मानता , चूकै नहीं निशान ||
नियत हमारी दे दिशा , चलें कदम किस ओर |
#राना करनी ही सदा , करें निशा शुभ भोर ||
रावण ने अपनी दिशा , पहले रखी घमंड |
दूजी में #राना दिखा , फैलाया पाखंड ||
मन की होती जो दशा , दिशा बने प्रतिमान |
#राना कहता सोचकर , और कहें गुणवान |
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✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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