दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
आक धतूरे से करें, भोले का शृंगार ।
जयकारों से गूँजता, भोले का दरबार । ।
शिव की माया का भला, किसने पाया पार ।
भोले अपने भक्त का, सदा करें उद्धार ।।
शिव शंकर के नाम का, जो करता है जाप ।
जनम- जनम के काटता, भोला उसके पाप ।।
सुशील सरना / 8-2-24