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1 Aug 2021 · 1 min read

दोस्त

राह एक आदमी दो,आदत पसंद लोग,
कुछ तुम चाह रखो,बैठ सके एक जोग.
बैठ सके एक जोग, पनप जाता है लोभ
दर्शक सभी कहे प्रभावी हो जाता क्षोभ
अब राह चौराहे बने, जाये किस-२ और
दोस्त तो सपोले भये,चलिए सोच विचार.

डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस

2 Likes · 4 Comments · 407 Views
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