दोस्त
दोस्त
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दोस्त हो
तो कहो
दिल में पड़ी
परतें खोलो
कुछ कही
कुछ मनकही
कुछ अनकही
दोस्त हो
तो फूँको
एक सिगरेट
छल्लों के झरोखों
से देखो
मीठी यादों को
दोस्त हो
तो पढ़ो
मेरी आँखें
होंठों में छिपी बात
रेत का कुरेदना
करवट करवट रात
दोस्त हो
तो सुनो
आँसुओं से
लिखी कहानी
काँधे पर सर
आँखों का पानी
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राजेश’ललित’