दोस्त तेरी मुझको प्यारी दोस्ती।
गज़ल
काफ़़िया- ई स्वर
रदीफ़- गैर मुरद्दफ़
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122……..2122………212
मिल गये तुम जिंदगी अब है हँसी।
दोस्त तेरी मुझको प्यारी दोस्ती।
मैं निकालूंगा उसे तू गम न कर,
जिंदगी में नाव तेरी गर फँसी।
तुम हमारे हम तुम्हारे साथ जब,
जिंदगी मेंं फिर नहीं कोई कमी।
देखकर गमगीन होता दिल मेरा,
आँख में देखें अगर उसके नमी।
रंक राजा में न करती फर्क है,
देती है दर्जा बराबर दोस्ती।
रिश्ते दुनियाँ में हजारों हैं मगर,
दोस्ती सा है नहीं रिश्ता कोई।
फँसता प्रेमी गम के जब सैलाब मैं,
दोस्त तेरी याद आये दोस्ती।
……✍️ प्रेमी