दोस्ती..
कुछ लोग है मेरी ज़िंदगी में
जो मुझे अकेला नहीं छोड़ते
व्यस्त होते जीवन में
मिलना मुमकिन तो नहीं हो पाता
पर उनकी मौजूदगी हमेशा रहती है
ज़िंदगी ने बहुत कुछ दिया
और बहुत कुछ छीना भी
पर कुछ लोग है
जिनके होने से मेरी जिन्दगी में सुकून है
और जिनके होने से
कुछ भी मुश्किल नहीं लगता
ये दोस्त है मेरे
जो पास नहीं होते
पर उनसे कई महीनों के बाद भी
थोड़ी सी हुई बात
कई सालों तक ह्रदय को
ढाढस देती रहती है
इस बात का
कहीं कुछ गलत हुआ न
तो ये सब ठीक कर देंगे
मेरे गम , मेरे आंसू सब कम कर देंगे
कुछ दोस्त है मेरे
जो मिलते नहीं
और बातें भी नहीं होती
पर मैं जानता हूं
जिम्मेदारियों ने भले दूर कर दिया है
पर दोस्ती में ये दिल कहा दूर होता है
जहां इश्क इस दौर में जिस्मानी हो चला है
वहां दोस्ती अब भी रूहानी लगती है
इश्क तो बस एक पन्ना भर है जिंदगी का
वही दोस्ती सच्ची कहानी सी लगती है