दोस्ती
दोस्ती
ए दोस्त!! मैं तेरी दोस्ती पर मर जाऊँ।
तुझ पर आए कोई आँच तुझसे पहले में जल जाऊँ।
तू यदि पेड़ बने, तो मैं धरती बन तेरे कदमों को रखूँ थाम।
तू यदि शमा हो तो, मैं तेरा परवाना बन जाऊँ।
तू यदि गुलाब हो तो ,
मैं तेरी रंगत बन जाऊँ।
तुझे पसंद हो जलेबी तो चासनी बन जाऊँ।
तुझे पसंद हो जो किताब तो उसके अक्षर बन जाऊँ।
शब्दों से तू करे प्यार,
शब्दों से तू करे प्यार
तो शब्दकोश बन जाऊँ। ए दोस्त! मैं तेरी दोस्ती की खातिर तेरे दिल की धड़कन बन जाऊँ।
कोई आह निकले तेरे मुख से तो
मैं तेरी मरहम बन जाऊँ।
ए खुदा! तूने मिलाया मुझे इस अजीज दोस्त से,
ए दोस्त! मैं तेरे लिए कविता बन पन्ने पर छप जाऊँ।