Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2018 · 1 min read

दोस्ती के दोहे

दोस्ती के दोहे
—————–
जानें दिल की पीर को,बढ़े प्यार का हाथ।
बन परछाई यार फिर,चलें हमेशा साथ।।

दोस्ती होती मोह से,छूटे न कभी प्रीत।
सिर के ऊपर ताज है,जो हो सच्चा मीत।।

लाख टके की बात ये,मानो मेरे यार।
जीना तो है प्रेम का,बाकी सब बेकार।।

हाथ पकड़ के छोड़ ना,जाए चाहे जान।
धोखा कायरता सुनो,गिरती जिससे शान।।

बड़ा ख़ज़ाना एक है,मिला बना जगजीत।
कृष्ण-सुदामा संग-सी,होती जिसकी प्रीत।।

दिला सके खुद हार के,यहाँ दोस्त को जीत।
प्रकृति सरिस वो ख़ूब है,अच्छा सच्चा मीत।।

दोस्ती ऐसा नाज़ है,आएँ दुख ना पास।
समय ख़ुशी में झूम के,होता जाए खास।।

जाति धर्म से दूर है,दोस्ती है अभिमान।
रिश्ता छोटा ख़ून का,इससे ये बलवान।।

राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”

Language: Hindi
584 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
Shweta Soni
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
ड्यूटी
ड्यूटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
रोशन
रोशन
अंजनीत निज्जर
#लघु_कविता :-
#लघु_कविता :-
*Author प्रणय प्रभात*
व्यक्ति को ह्रदय का अच्छा होना जरूरी है
व्यक्ति को ह्रदय का अच्छा होना जरूरी है
शेखर सिंह
मित्रता क्या है?
मित्रता क्या है?
Vandna Thakur
अनिल
अनिल "आदर्श "
Anil "Aadarsh"
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
sudhir kumar
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
Hajipur
Hajipur
Hajipur
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
Sarfaraz Ahmed Aasee
कविता
कविता
Shiva Awasthi
"बल और बुद्धि"
Dr. Kishan tandon kranti
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
संत हृदय से मिले हो कभी
संत हृदय से मिले हो कभी
Damini Narayan Singh
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
मोबाइल जब से चला, वार्ता का आधार
मोबाइल जब से चला, वार्ता का आधार
Ravi Prakash
KRISHANPRIYA
KRISHANPRIYA
Gunjan Sharma
-- गुरु --
-- गुरु --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
विरह गीत
विरह गीत
नाथ सोनांचली
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
Krishna Kumar ANANT
A setback is,
A setback is,
Dhriti Mishra
वो कहते हैं की आंसुओ को बहाया ना करो
वो कहते हैं की आंसुओ को बहाया ना करो
The_dk_poetry
मोबाईल नहीं
मोबाईल नहीं
Harish Chandra Pande
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
2456.पूर्णिका
2456.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...