*”दोस्ती की अनोखी मिसाल”*
***”दोस्ती की अनोखी मिसाल “***
रामचरित मानस में एक चौपाई लिखी गई है ;
“धीरज ,धर्म ,मित्र ,अरु नारी ।आपद काल परिखिये चारि ।” अर्थात विपत्ति का ही वह समय होता है जब हम धीरज,धर्म ,मित्र,और नारी या पत्नी की परीक्षा कर सकते हैं सुख में तो सभी साथ देते हैं लेकिन दुःख तकलीफ में जो साथ दे वही सच्चा दोस्त हितैषी होता है।
सच्चे मित्र की सलाह एवं सहयोग से कई फायदे होते हैं दोस्त की कमियों को नजर अंदाज करते हुए स्नेहिल प्रेम के बंधन को विश्वास की डोरी में बांधकर रखने से बुरे वक्त में दोस्ती का सहारा ही काम आता है ।
प्रवीण और विनय एक ही संस्थान में कार्यरत है और आपस में अगल बगल घरों में ही रहते हैं एक पड़ोसी सच्चे दोस्त भी है दोनों परिवार मिलकर रहते हैं ऐसा लगता है मानो सगे भाइयों से भी बढ़कर दोस्ती की अनोखी मिसाल है एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
दिसम्बर में अत्यधिक ठंडी पड़ने पर भी विनय ठंडे पानी से नहाता था जिसकी वजह से सर्दी जुकाम बुखार हो गया ज्यादा ठंडी बैठ जाने से निमोनिया हो गया और फेफड़ों में कफ जमा होने के कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी और हालात काफी बिगड़ने लगी तो परिवार वालों ने सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन रोग का ईलाज ठीक से नही हुआ ।
विनय के दोस्त को जब जानकारी मिली तब वह अपने दोस्त को देखने अस्पताल गया और विनय की सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था तो परिवार वालों को सलाह दी किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती किया जाय और जब अच्छे बड़े डॉक्टरों ने जाँच किया तो जाँच के दौरान सामने आया कि निमोनिया बढ़ जाने से ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा 5 % नीचे हो गया था वैसे स्वस्थ व्यक्ति में 13.5 से 17.5 प्रति डेसी लीटर होती है डॉक्टर ने ब्लड चढ़ाने के लिए कहा और खून की जाँच के बाद ब्लड बैंक से ब्लड लेकर चढ़ाया गया ये सारी व्यवस्था विनय के दोस्त प्रवीण ने की थी क्योंकि विनय के अभी बच्चे छोटे है और घर परिवार के सभी लोग बाहर रहते है ।धीरे धीरे विनय की सेहत में सुधार होने लगा अब वह पूरी तरह स्वस्थ अनुभव करने लगा था संकट की स्थिति टल गई थी । अस्पताल में पुरे खर्चों का भार वहन प्रवीण ने ही किया था डेढ़ लाख रूपये का बिल जमा करने के बाद अस्पताल से छुट्टी करवा ली विनय को स्वस्थ देखकर सभी बहुत खुश हुए सबसे ज्यादा ख़ुशी प्रवीण के परिवार वाले थे आखिर दोस्ती की अनोखी मिसाल कायम कर विनय को नया जीवनदान मिल गया था विनय और प्रवीण के परिवार में फिर ख़ुशी की झलक दिखाई दी … ! ! !
स्वरचित मौलिक रचना 📝📝
*** शशिकला व्यास ***