दोस्ती का अनुभव
वो दोस्ती एक खुशनुमा अनुभव रही,
पूरी जिंदगी याद रखूंगा,
जिसने मेरे दिल पर राज किया,
वो तू ही तो एक बंदा था।
उन हसीन यादों में,
मैं आज भी खो जाता हूं,
जो पल तेरे संग बिताए,
उसे याद कर मुस्काता हूं।
तुम जब जब भी साथ खड़े रहे,
एक सुकून सी महसूस होती थी,
जब भी तुझे किसी और के साथ देखता,
एक जलन सी महसूस होती थी।
तू जब भी रूठता था,
मैं पल भर में माना लेता,
तेरी खामोशी हमेशा ही,
मुझे परेशान कर जाती थी।
तुम पर गुस्सा तो आता था,
पर कभी उतार ना पता था,
क्या करता दोस्ती दिल से की थी,
इसीलिए खामोश रह जाता था।
तुम्हे बताना नही चाहता था,
पर दिल में दबा ना सका,
तुमसे दोबारा मिलने की चाहत में,
हर रात गुजार देता हूं।
बस एक दुआ है मेरी रब से,
तुम जहां भी रहो खुश रहो,
हम फिर से मिले,
और हमेशा एक साथ रहे।