Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2023 · 1 min read

#देसी ग़ज़ल

#देसी ग़ज़ल
■ अंधेरे दिन-दहाड़े जा रहे हैं…!
【प्रणय प्रभात】

– बिना कारण लताड़े जा रहे हैं।
जो सच्चे हैं वो ताड़े जा रहे हैं।।

– उजालों की जगह सम्मान लेने।
अंधेरे दिन-दहाड़े जा रहे हैं।।

– अभो होली में बाक़ी छह महीने।
ये कपड़े काहे फाड़े जा रहे हैं??

– तमाशा बन गए रिश्ते सियासी।
बना कर के बिगाड़े जा रहे हैं।।

– पुरानी क़ब्र खोदी जा रही है।
गढ़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं।।

– मोहल्ला मूक-बधिरों का समझ के।
अधूरा ज्ञान झाड़े जा रहे हैं।।

– वो अर्थों से हैं कोसों दूर अब तक।
जो शब्दों को पछाड़े जा रहे हैं।।

– निकल के आए हैं चिड़िया घरों से।
बिना मतलब दहाड़े जा रहे हैं।।

– अभी भी चीर खींचा जा रहा है।
अभी भी दांत फाड़े जा रहे हैं।।

– यहां शहनाई पूरब जा रही है।
यहां पश्चिम नगाड़े जा रहे हैं।।

– उढ़ाई जा रही मुर्दों को शॉलें।
यहां ज़िंदा उघाड़े जा रहे हैं।।

– कहीं पे घाव फोकट बंट रहे हैं।
कहीं मरहम जुगाड़े जा रहे हैं।।

– निमन्त्रण दे गई हैं गिनतियाँ कुछ।
भगे-दौड़े पहाड़े जा रहे हैं।।

●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
Kanchan Alok Malu
मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो
मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो
इशरत हिदायत ख़ान
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
gurudeenverma198
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
Niharika Verma
बेटियों  को  रोकिए  मत  बा-खुदा ,
बेटियों को रोकिए मत बा-खुदा ,
Neelofar Khan
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
कानून अंधा है
कानून अंधा है
Indu Singh
गीत रीते वादों का .....
गीत रीते वादों का .....
sushil sarna
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
World News
13. पुष्पों की क्यारी
13. पुष्पों की क्यारी
Rajeev Dutta
Nature ‘there’, Nurture ‘here'( HOMEMAKER)
Nature ‘there’, Nurture ‘here'( HOMEMAKER)
Poonam Matia
4694.*पूर्णिका*
4694.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देश 2037 में ही हो सकता है विकसित। बशर्ते
देश 2037 में ही हो सकता है विकसित। बशर्ते "इमोशनल" के बजाय "
*प्रणय*
ये आसमा में जितने तारे हैं
ये आसमा में जितने तारे हैं
कवि दीपक बवेजा
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
वो बचपन की अमीरी,
वो बचपन की अमीरी,
Ranjeet kumar patre
पसंद मेरे जीवन में
पसंद मेरे जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
Sonam Puneet Dubey
नर से नर पिशाच की यात्रा
नर से नर पिशाच की यात्रा
Sanjay ' शून्य'
*सर्वोत्तम वरदान यही प्रभु, जिसका स्वास्थ्य प्रदाता है (मुक्
*सर्वोत्तम वरदान यही प्रभु, जिसका स्वास्थ्य प्रदाता है (मुक्
Ravi Prakash
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
Er.Navaneet R Shandily
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
"पता सही होता तो"
Dr. Kishan tandon kranti
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
ओसमणी साहू 'ओश'
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
#साहित्य_में_नारी_की_भूमिका
#साहित्य_में_नारी_की_भूमिका
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...