देश
मनहर घनाक्षरी
देश
तन-मन वारते हैं,
प्रेम से पुकारते हैं,
भारत है देश मेरा,
गर्व तो कीजिए।
भाल हिमालय खड़ा,
विपिन- विटप जड़ा,
हिम शिखरों के रूप,
भेंट कर लीजिए।
अनेक रंग रूप है,
सब धर्मों की धूप है,
जाति- धर्म मिटा कर,
प्रेम रस पीजिए।
है गिरिजा-गुरुद्वारा,
मन्दिर-मस्जिद प्यारा,
राम-मुसा यहां हुए,
नमस्कार कीजिए।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश