देश मेरा अति प्यारा
उपमहाद्वीप एशिया का देश मैरा अति प्यारा,
गोलार्ध उत्तरी में स्थित सब देशों से न्यारा।
जनसंख्या के दृष्टिकोण से,
अत्यन्त सघन मेरा भी देश,
मानव मूल्यों से आच्छादित, इसका सारा ही परिवेश।
देवभूमि सा पावन अति मधुमय देश हमारा,
गोलार्ध उत्तरी में स्थित सब देशों से न्यारा।
उत्तर में उत्तुंग हिमालय,
प्रहरी सजग परिधि का,
पग पखारते नित सागर,
पूरब, पश्चिम व दक्षिण में।
अध्यात्मज्ञान में विश्वगुरू,ये भूलोक सँवारा,
गोलार्ध उत्तरी में स्थित सब देशों से न्यारा।
भिन्न- भिन्न भाषा -भाषी का,
रंग-बिरंगा गुलदस्ता सा,
‘सत्यमेव जयते’ प्रतीक शुचि,
“बसुधैव कुटुम्बकम” सा नारा।
सर्वोत्तम ऐसा देश धरा पर होगा नहीं दोबारा,
गोलार्ध उत्तरी में स्थित सब देशों से न्यारा।
निरपेक्ष धर्म के दृष्टिकोण से,
जाति अनेकानेक समाहित,
छविमान श्यामसुन्दर सा यौवन,
राधा मानिंद हर गृह नारी।
विश्व सकल में हर दृगतारा प्यारा देश हमारा,
गोलार्ध उत्तरी में स्थित सब देशों से न्यारा।
–मौलिक एवम स्वरचित–
अरुण कुमार कुलश्रेष्ठ
लखनऊ (उ.प्र.)