देश बदल रहा है
मेरा देश बदल रहा है
न जाने अनजान रह पर ये चल रहा है
जो दुनिया में गंगा जमनी तहजीब से मशहूर था
न जाने क्यों आज नफरत की आग में जल रहा है
हाँ मेरा देश बदल रहा है
न जाने क्यों वो जहर दिलो में पल रहा है
जो खुद के दर्दो गम को भूल कर दुसरो के आंसू पोछता था
न जाने क्यों आज वो गंगा में जहर घोर रहा है
हाँ मेरा देश बदल रहा है
न जाने क्यों आज खेतो में भी सूखा चल रहा है
जहाँ मिटटी को पसीने से सिंचा जाता था
न जाने क्यों उन्ही किसानो पर बारूद चल रहा है
हाँ मेरा देश बदल रहा है
न जाने ये कैसा दौर चल रहा है
जो इंसान धंधो को मजहब समझता था
न जाने क्यों आज मजहब का धंधा चल रहा है
हाँ मेरा देश बदल रहा है
न जाने क्यों आज वहसी का सिक्का चल रहा है
जहाँ औरत को देवी बहु को बेटी और बेटी को इज्जत समझा जाता था
न जाने क्यों जाने क्यों वो पाक रिश्ता हवस का शिकार बन रहा है
हाँ मेरा देश बदल रहा है
न जाने क्यों बेकद्री का आलम फैल रहा है
जो माँ को बेटा कंधे पर उठा कांवड़ लाने जाता था
न जाने क्यों वही बेटा भारत माता को बाँट रहा है
हाँ मेरा देश बदल रहा है