देश प्रेम
देश प्रेम का जज़्बा भी अजीब होता है,
देश के प्रति दीवानगी रखते हैं जो,
नहीं डरते तोप, बंदूक तलवार से,
जीवन को रखते हैं सदा शहदी के आलम पर।
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देश के प्रति दीवानगी है सेना के जवानों में,
देश के लिए प्राण न्यौछावर करने का मादा है उनमें,
शरहद की सीमाओं में हमेशा डटे रहते हैं,
अपने परिवार और परिजनों से दूर ।
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देश को आज़ाद करवाया,
देश प्रेम को भावना रखने वाले वीरों ने,
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने,
हंसते हंसते देश को आज़ाद करवाया और,
बाद फांसी को चूम।कर गले लगाया,
आज भी उनकी शहादत भुला नहीं है हिंदोस्तान, नतमस्त है हर हिंदोस्तानी उनकी अमर शहीदी पर,
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देश प्रेम को सत्ता के दलाल डाल रहे है खतरे में,
हिंदू,मुस्लिम, सिख,ईसाई सभी धर्मों को उलझाते हैं,
जात-पात और भेदभाव करके लोगों को भरमाते हैं।
सत्ता के लालची जन,
लोगों से हिंसा करवाते हैं।
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भारत कभी सोने की चिड़िया होता था,
किंतु भ्रष्टाचार ने अंदर से खोखला कर दिया देश को,
आधुनिक भारत को बचाना जरुरी है,
राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव सी दीवानगी,
आज जरूरी है देश प्रेम की साख बचाने के लिए।
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डॉ प्रवीण ठाकुर
भाषा अधिकारी
निगमित निकाय भारत सरकार
शिमला हिमाचल प्रदेश।