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2 Jun 2018 · 1 min read

देश प्रेम की ज्वाला

देश मे बैठे गद्दारो को, मिलकर मार गिराएंगे,

देश प्रेम की ज्वाला को हम घर घर तक पहुचायेंगे।

जब जब देश को पड़ी जरूरत हमने लहू बहाया है,

आतंकवाद की कमर तोड़कर क़ब्रो तक पहुचाया है।

आज मेरा मन हुआ प्रफुल्लित, है अपने इस जीवन पर,

मैने भी तो जन्म लिया है योग गुरु की भूमि पर।

शायद यह सौभाग्य हमारा मैं इस पर इतराता हूँ,

घर मे बैठे गद्दारो के कारण शर्मिंदा हो जाता हूँ।

देश प्रेम के गौरव का हम मिलकर सम्मान बढ़ाएंगे,

देश प्रेम की ज्वाला को हम घर घर तक पहुचायेंगे।।

© प्रशान्त तिवारी “अभिराम”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 314 Views
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