देश के वीर जवान
ख़ाक करने दुश्मन को निकलें वीर जवान,
कदम नही रुकेंगे चाहें जाए अब जान।
मतवाले हम देश पर मरकर शहीद कहलाएंगे,
मारेंगें या मरेंगे तिंरगे में लिपटें आयेंगें।
निकला वीर जवान सिर पर बांधे कफ़न,
देश के दुश्मन तुझे आज करुँगा दफन।
चैन से सो जाओ मेरे प्यारे भारतवासी,
डटकर खड़ा सरहद पर लूँगा ना उबासी।
लड़ेंगें हम दुश्मन से सीना अपना तान,
साथ चलेंगें लेकर अपने घायल हुए जवान।
हाँथों में आग लिए सीने में फौलाद,
मातृभूमि है प्रथम बाकी कर्तव्य हैं बाद।
लेकिन हम भारतवासी कब पुछते इनका हाल,
बाढ़ और भूकम्प में भी देश को लेते सम्भाल।
धन्य हैं भारतमाता और उसके लाल,
पाकर ऐसे वीर जवान हो गयें हम निहाल।
स्वरचित
मोनिका गुप्ता