देश के राजनीतिज्ञ
आजादी की लड़ाई देश के सभी नेताओं को मिलकर अंग्रेजो से लड़नी थी।
इसी लड़ाई की खातिर एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी भी तो खड़ी करनी थी।।
मुस्लिम लीग और कम्युनिस्टों के विरोध मे जन्मी कांग्रेस,तब बस यही तीन राजनीतिक दल थे।
गांधी,नेहरू,पटेल,सुभाष,सावरकर,भगत सब के सब कांग्रेस का हिस्सा थे।
सबने ही तो मिलकर हिंदू और मुसलमान के नाम पर जब अखंड देश को बांटा था।
फिर क्यों केवल भारत के मुख पर गांधी और नेहरू का सेकुलरिज्म का चांटा था।।
नेहरू गांधी का सेकुलरिज्म जब गोडसे की समझ में नहीं आया था।
तब देश बचाने की खातिर ही उसने गांधी पर दांव लगाया था।।
कितने साल लगे लोगों को नेहरू खानदान की देशद्रोहिता को पहचानने में।
समय लग रहा है लोगों को देशभक्त और देशद्रोही को अच्छी तरह जानने में।।
कब होंगे आजाद हम अपने ही देश में बसें हुए देशद्रोहियों के चंगुल से।
जब इस देश का हरेक नागरिक पहचाना जाएगा बस बराबरी की नजर से।।
बदले भेष में जो आज पास ही तुम पर घात लगाए बैठे हैं उन्हें तुम सब जानों।
कहे विजय बिजनौरी जागो और मिलकर पड़ोस के देशद्रोही को पहचानो।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी