देश की व्यथा
चयन प्रक्रिया ध्वस्त हो गयी, युवा शक्ति पस्त हो गयी।
भ्रष्टाचार के मकड़जाल मे क्या सरकारें फंस के रह गयी।।
जिन युवाओं के दम पर, निर्माण देश का होता है।
भ्रष्टाचार के जाल मे फंसकर, वही सड़क पर रोता है।।
चयन प्रक्रिया गर गलत नहीं, तो जांच होने मे डर कैसा।
सी बी आई को जांच सौंप दो,आया है अवसर ऐसा।।
यही मांग सब युवाओं की, पूरा करना है धर्म तुम्हारा।
भ्रष्टाचार यदि व्याप्त है इसमे, तो सफाई है कर्म तुम्हारा।।
भ्रष्टाचारी पैसा लेकर भ्रष्ट की भर्ती करता है।
खुद की भर्ती मे दिया था पैसा, वही वसूल वो करता है।।
बन्द करो यह भ्रष्टाचारी, अब ये सहन नहीं होगा।
आज खड़ा है जो सड़कों पर,कल वो ससंद मे होगा।।
विजय बिजनौरी