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16 Oct 2021 · 1 min read

देशऽक चिन्ता

किनको छनि स्वार्थक चिन्ता
किनको छनि घूस लेबाक चिन्ता

नेता सभ के अछि कुर्सीक चिन्ता
मुदा किनको नहि अछि, देशऽक चिन्ता।

चुनाव जीतलाक बाद, कुर्सी भेटलैन्ह नेताजी के
भऽ गेलाह निःफिकीर

मुदा भाषणेटा मे खिचैत छथि
आर्थिक विकासऽक लकीर ।

भूखे मरैत अछि गरीब जनता
एहि बातक हुनका नहि छनि कोनो चिन्ता

शहीद होइत छथि देशऽक सीमा पर जुआन
कानब तऽ दूरक गप, श्रद्धांजलियो दैए लेल नहिं औता।

नेता सभ मंत्रालय लेल छथि परेशान
कियो स्वार्थसिद्धिक लेल अछि हरान

कियो भूखे मरि जाए, कियो दहा जाएय बाढ़ि मे
मुदा हुनका नहि, जेतैन मरल लोक पर धियान।

घूस खाईत-खाईत भऽ गेलाह भ्रष्ट
मुदा खादिक अंगा पहिर, अपना के बुझैेत छथि श्रेष्ट

कोना कऽ हेतै आर्थिक विकास
नहिं सोचैत छथि, नहि छनि चिन्ता।

सभ पार्टी के तऽ अछि कुर्सीक चिन्ता
मुदा किनको नहिं अछि देशऽक चिन्ता।

कवि- किशन कारीगर
संवाददाता, आकाशवाणी दिल्ली ।
(©काॅपीराईट)

Language: Maithili
1 Like · 272 Views
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