“देशभक्त सब साथ हैं “
“दिल में शोले जलते हैं,अंगारों पर वो चलते हैं,
पत्थरबाजी से नहीं डरेंगे,जो बांध कफ़न सिर रखते हैं,
खुल गई अब ज़ंजीरें उनकी,दुश्मन पर शामत आई है,
चुन -चुन कर मारेंगे उन सब को,
जिसने साथी की लाश बिछाई है,
ऊंचा रखने को शीश हिमालय का,
जो अपना शीश कटाते है,
मौत का खौफ़ नही उनको,
हँस कर शूली चढ़ जाते हैं,
लहू बहाकर देश हित में, अपना फ़र्ज़ निभाते हैं,
भारत माँ की गोद में बैठे हैं,जननी का कर्ज चुकाते हैं,
तिरंगे की मान बचाने को,जो अपनी जान गंवाते हैं,
वीर सपूत धरा के वो धरती का मान बढ़ाते हैं,
दौलत,शोहरत की चाह नहीं,निस्वार्थ ही कर्म निभाते हैं,
राष्ट्रप्रेम ही जीवन उनका राष्ट्रधर्म अपनाते हैं,
गर्व है देश के वीरों तुम पर यह पैगाम सुनाते है,
साथ खड़े हैं हम सब मिलकर शब्दों में बतलाते हैं,
भारत माँ के वीर सपूतों को अपना सलाम पहुँचाते हैं”