देशभक्ति का राग सुनो
देश करे है पुकार, भक्ति का राग सुनो
भक्ति का राग सुनो रे,,,,,,हूँअ,,,,,
भारत नाम मान का , तिरंगे की पहचान का,
नाम यह दिलशान है,,,,,,
पर्वत का मुकुट लिए, सागर को थामे हुए
नही बस एक भू-भाग है,,,,,,,
युगो से यह जिया है,,,भक्ति का राग सुनो रे,,,,,,हूँअ
देश करे है पुकार, भक्ति का राग सुनो
भक्ति का राग सुनो रे,,,,,,हूँअ,,,,,
शिक्षक या किसान हो, नर्स वकील जवान हो
सच्चा यंहा व्यपार है,,,,,
औरत मर्द संग चले, प्रगती पाने है मिले
सबने यह प्रण लेना है,,,,, ,
विश्व गुरु ताज सजे रे,,,,,भक्ति का राग सुनो रे,,,,,,हूँअ
देश करे है पुकार, भक्ति का राग सुनो
भक्ति का राग सुनो रे,,,,,,हूँअ ,,,,,
कला खेल विज्ञान हो, तारो का जहान हो
सजा सरहद के शैतान को है,,,,,
धरती हो या चांद हो, शांति का पैगाम है
सब मे धाक बने रे ,,,,,,,
सम्मान से नाम जपो रे ,,,,भक्ति का राग सुनो रे,,,हूँअ,,,
देश करे है पुकार, भक्ति का राग सुनो
भक्ति का राग सुनो रे,,,,,,हूँअ,,,,
आन बान शान से, बढे हम मुकाम पे
कोई ना हम से बेहतर है,,,,
अमीर हो या गरीब हम, काज अपना पूरे दम
सबके दुख सुख बांट के,,,,,,,
एक दूजे का संबल बने रे,,,,भक्ति का राग सुनो रे,,हूँअ,,,
देश करे है पुकार, भक्ति का राग सुनो
भक्ति का राग सुनो रे,,,,,,हूँअ,,,,,
संदीप पांडे “शिष्य”