देव शयनी एकादशी
देवशयनी एकादशी पर्व है, अंतस में जाने का
जप तप व्रत नियम, जीवन में धारण करने का
एक निष्ठ हो योग ध्यान, इंद्रिय संयम करने का
सत चित आनंद स्वरूप, सच्चिदानंद में रमने का
पावस ऋतु के चतुर्मास, आवागमन में बाधक हैं
एक स्थान पर रुक कर, जप तप करते साधक हैं
योग ध्यान से वाह्य वृत्तियां, चित्त शांत करते हैं
सद वृत्तियां जगती हैं अंदर, दोष शमन करते हैं देवशयनी एकादशी से, देवउठनी एकादशी तक चतुर्मास चलता है
जप तप नियम संयम का, शुभ फल मिलता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी