देख लेना तुम,यह यादें नहीं आऐंगी आयीं थीं जो कभी,वो वहारें नहीं आएंगी ……..एस के राठौर….
देख लेना तुम
यह यादें नहीं आएंगी
आयीं थीं जो कभी
फिर वो वहारें नहीं आएंगी
मन होता है अकेला
लिख लेते हैं तुम्हें,
जानते हैं अच्छे से हम,
यह लिखावट तुम्हें रास नहीं आएंगी
देख लेना तुम,
यह यादें नहीं आएंगी
दे दे के पानी थक जाना
इन फूलों पर कलियाँ नहीं आएंगी
याद आएंगे किस्से हजार मगर
यह कहानियां याद नहीं आएंगी
आज अकेला है मन तो
लिख दीं यह रहनुमा बातें
कुछ ही दिन की बात है
यह बातें याद नहीं आएंगी
देख लेना तुम,
देख लेना तुम…….
………….. Incomplete.
……….”एस के राठौर”
मीरगंज बरेली