Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2020 · 1 min read

देख जगत का मेला बंधु, देख जगत का मेला

देख जगत का मेला बंधु, देख जगत का मेला
नहीं है कोई संगी साथी, मेले में जीव अकेला
नाना रंग चमक दमक है, माया बीच झमेला
लगा लियो मन रूप राशि संग, धन वैभव पैसा धेला
बंधु देख जगत का मेला, देख जगत का मेला
बचपन यौवन और बुढ़ापा, निश दिन विषयों में खेला
चला चली की बेला आई, पड़ा है आज अकेला
देख जगत का मेला बंधु, देख जगत का मेला

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 486 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
जो  रहते हैं  पर्दा डाले
जो रहते हैं पर्दा डाले
Dr Archana Gupta
भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण यह भी है की यह पर पूरी
भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण यह भी है की यह पर पूरी
Rj Anand Prajapati
ये बेचैनी ये बेबसी जीने
ये बेचैनी ये बेबसी जीने
seema sharma
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
ममत्व की माँ
ममत्व की माँ
Raju Gajbhiye
कविता (आओ तुम )
कविता (आओ तुम )
Sangeeta Beniwal
कुर्सी मिलते ही हुआ,
कुर्सी मिलते ही हुआ,
sushil sarna
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
पूर्वार्थ
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
Ajit Kumar "Karn"
पिता के जाने के बाद स्मृति में
पिता के जाने के बाद स्मृति में
मधुसूदन गौतम
3898.💐 *पूर्णिका* 💐
3898.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
Phool gufran
जिस दिन
जिस दिन
Santosh Shrivastava
जी20
जी20
लक्ष्मी सिंह
2) भीड़
2) भीड़
पूनम झा 'प्रथमा'
मीनू
मीनू
Shashi Mahajan
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
Ravikesh Jha
क़त्आ
क़त्आ
*प्रणय*
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
"परछाई"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
Anil Mishra Prahari
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
Poonam Matia
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ये
ये "परवाह" शब्द वो संजीवनी बूटी है
शेखर सिंह
Innocent love
Innocent love
Shyam Sundar Subramanian
Loading...