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20 Sep 2020 · 1 min read

देख जगत का मेला बंधु, देख जगत का मेला

देख जगत का मेला बंधु, देख जगत का मेला
नहीं है कोई संगी साथी, मेले में जीव अकेला
नाना रंग चमक दमक है, माया बीच झमेला
लगा लियो मन रूप राशि संग, धन वैभव पैसा धेला
बंधु देख जगत का मेला, देख जगत का मेला
बचपन यौवन और बुढ़ापा, निश दिन विषयों में खेला
चला चली की बेला आई, पड़ा है आज अकेला
देख जगत का मेला बंधु, देख जगत का मेला

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 462 Views
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