देखो देश में चुनाव आया !
देखो देश में चुनाव आया,
गरीब के हिस्से पुलाव आया।
लोकतंत्र का सुंदर त्योहार है,
हर तरफ हो रहा प्रचार है।
वादों की देखो भरमार है,
जुमलों की भी यहां मार है।
हर कोई गरीबों की बात कर रहा,
उनकी तकलीफ तत्काल हर रहा।
हाथ जोड़े नेता देखो घूम रहे,
कार्यकर्ता उत्साह में झूम रहे।
कहीं पैसे कहीं शराब बट रही,
रैलियों में हर रात काट रही।
हम जीत कर जो आएंगे,
अच्छे दिन तुम्हारे लायेंगे।
मंदिर मस्जिद भी बनवाएंगे
गरीबी से निजात दिलाएंगे।
ऐसे भाषण हर रोज़ हो रहे,
कुछ लोग सुन रहे कुछ सो रहे।
अभिनेता भी मैदान में आ गए,
अपने डायलॉग से वो भी छा गए।
क्या गजब का माहौल है,
नेताओं के हाथ भी कशगोल है।
मांगने आज राजा सब आए हैं,
संग अपने भोंपू बजा भी लाए हैं।
देखो गरीब के सर भी ताज है,
नए गीत हैं नए सब साज हैं।
बस कुछ दिनों की ये बात है,
चुनाव वाली जब तक रात है।
चुना उपरांत सब वैसा ही रहेगा,
नेता किसी की फिर न सुनेगा।
पांच वर्ष पर इनके दर्शन होंगे,
फिर ऐसे ही प्रदर्शन होंगे।