देखो तो बरसात है आई
देखो तो बरसात है आई
मेंढक राजा लेकर छाता
घूम रहे तालाब में।
मोर भी खुश हो नाच रहे हैं
देखो कितने बाग में।
बच्चे छप छप नहा रहे हैं।
मगन हुए हैं आप में।
चारों तरफ़ हरियाली छाई ,
नगर मुहल्ले गांव में।
नाच रही है खुश हो पीपल
नीम मगन आह्लाद से।
खेतों में रौनक लौटी है
कृषक खुश हैं गांव में
रेखा सबके चेहरे पर मुस्कान है छाई।
देखो तो बरसात है आई।