Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2024 · 1 min read

देखिए “औरत चाहना” और “औरत को चाहना”

देखिए “औरत चाहना” और “औरत को चाहना”
दोनों में “जरूरत” और “मोहब्बत” का फ़र्क है ।
💙💙🙏💙💙

124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
Dr.sima
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
Taj Mohammad
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
पूर्वार्थ
- सादगी तुम्हारी हमको भा गई -
- सादगी तुम्हारी हमको भा गई -
bharat gehlot
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
#साहित्य_में_नारी_की_भूमिका
#साहित्य_में_नारी_की_भूमिका
पूनम झा 'प्रथमा'
"तर्पण"
Shashi kala vyas
अनपढ़ सी
अनपढ़ सी
SHAMA PARVEEN
उम्मीदें - वादे -इरादे
उम्मीदें - वादे -इरादे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*बता दे आज मुझे सरकार*
*बता दे आज मुझे सरकार*
Dushyant Kumar
बढ़ती इच्छाएं ही फिजूल खर्च को जन्म देती है।
बढ़ती इच्छाएं ही फिजूल खर्च को जन्म देती है।
Rj Anand Prajapati
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
sudhir kumar
आसू पोछता कोई नहीं...
आसू पोछता कोई नहीं...
Umender kumar
" प्रेम "
Dr. Kishan tandon kranti
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कहते- कहते थक गए,
कहते- कहते थक गए,
sushil sarna
भगतसिंह के वापसी
भगतसिंह के वापसी
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
*अनुशासन के पर्याय अध्यापक श्री लाल सिंह जी : शत शत नमन*
*अनुशासन के पर्याय अध्यापक श्री लाल सिंह जी : शत शत नमन*
Ravi Prakash
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
■ तेवरी
■ तेवरी
*प्रणय*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
सायली छंद
सायली छंद
sushil sharma
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
आवो रे मिलकर पौधें लगायें हम
आवो रे मिलकर पौधें लगायें हम
gurudeenverma198
बरखा रानी तू कयामत है ...
बरखा रानी तू कयामत है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
भुला न पाऊँगी तुम्हें....!
भुला न पाऊँगी तुम्हें....!
शिवम "सहज"
Loading...