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11 Dec 2019 · 1 min read

दृढ़-संकल्प

मौसम प्रतिकूल न होगा,
समय के भाल पर प्रेम का कुमकुम लगाएंगे।
तैरना सीख लिया हमने,
स्तब्ध समुद्र के हृदय से मोती खोज़ लाएंगे।
ज्वलंत अभिलाषा लिए हैं,
संकटों की बेड़ियों से पथभ्रष्ट न हो पाएंगे।
सजग लिए पंख उड़े हैं,
नभ की छाती पर निशान अपना छोड़ आएंगे।

आर. एस.प्रीतम

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 507 Views
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