दूर जो जाएँ’गे आप
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दूर जो जाएँ’गे आप
भूल क्या पाएँ’गे आप
एक दिन पछता के खुद
लौट फिर आएँ’गे आप
सहमे सिमटे बाँह में
खुद ही शरमाएँ’गे आप
क्या इशारे से मुझे
फिर नचा पाएँ’गे आप
है यक़ीं, खोया जो मैं
ढूँढ के लाएँ’गे आप
देखना उल्फ़त के खुद
गीत फिर गाएँ’गे आप