दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण
“दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण “*
दूध का वैज्ञानिक विशलेषण,प्रकृति प्रेम बरसाता।
बकरी,भेंड़,भैंस, ऊँटनी,घोड़ी हो ,गधी या गोमाता।
मानव-मानव ही नहीं,बरन मानव पशु में भी नाता।
ईको सिस्टम संतुलित रहेगा तुम नहीं भूलना नाता।
तारा माँ की आँखों का ,बनना क्यों मुझको भाता।
मुझे ज्ञात है भ्रष्ट कर्म से ”मां” का ही दूध लजाता।
माँ का दूध संजीवन है ! मैं दुनियाँ को ये बतलाता।
यही एक कारण है साथी ! जो दृढ़ करता है नाता।
आज भी ये बात दुनियाँ जानती है।
दूध को ही संपूर्ण आहार मानती है।
दूध में होते हैं, विटामिन ए और बी।
स्वस्थ रहते नेत्र ,होती नहीं रतौंधी ।
पोटेशियम और विटामिन “बी- बारह”।
कर देता “तंत्रिका तंत्र” की पौ बारह।
फास्फोरस अरु कार्बोहायड्रेट,देता ऊर्जा।
प्रोटीन करती मरम्मत जो टूटे कोई पुर्जा।
दूध से ही मिलता है, कैल्शियम और प्रोटीन।
बीस प्रतिशत ब्हे और अस्सी प्रतिशत केसीन।
दूध में पाये जाते हैं सब …… एंटी आक्सीडेंट।
प्रदूषण के दुष्प्रभाव से, त्वचा बचाते परमानेंट।
आजकल बाजार मे,कंपनियों की लगी होड़ है।
दूध टोंड, डबल टोंड,अरु फुलक्रीम बेजोड़ है।
अगर नहीं है दूध पसंद, तो खाएं कलाकन्द।
पनीर खाएँ, छाँछ पियें,दही का भी लें आनंद।
दही में दूध से ज्यादा प्रोटीन, कैल्शियम का वादा।
खनिज, विटामिन, पोषक तत्व होते इसमें ज्यादा।
छाँछ भी तो होता है, इक प्रोबायोटिक आहार।
सूक्ष्म जीव होते जो इसमें वो आँत करें गुलजार।