*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)
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दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता
1)
चक्रव्यूह में फॅंसे हुए हैं, बाहर कैसे आऍं
वे गिरोह में गुॅंथे हुए हैं, कैसे उन्हें हराऍं
जिसको देखो पक्ष दुष्ट का, लेकर सम्मुख आता
2)
श्वेत वस्त्र खादीधारी कुछ, बगुलों-सा भटकाते
प्रवचन अच्छे किंतु आचरण, इनका उल्टा पाते
परम शक्तिशाली यह भाषा, इनकी जग दुहराता
3)
इनकी पुलिस कचहरी इनकी, अफसर बाबू इनके
सब संस्थानों के संचालक, रहते काबू इनके
जिसको देखो दूध-मलाई, इनकी गुपचुप खाता
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451