दुलहिन के मुह देख के दादू दूर किहिन महतारी !
दुलहिन के मुह देखके दादू दूर किहिन महतारी !
बाप बिचारा मरय रात दिन तबहू पाबय गारी !!
बूटी बिटिया रोटी पोबय खाय ले दादू भईया !
भउजी टाग पसारे सोबय पार करा प्रभु नईया !!
मीठ मीठ बोलिआय न दादू साढ़ू सरहज सारी !
दुलहिन के मुह देख के दादू दूर किहिन महतारी !!
रोज बिहन्ने दाई बाबा एक कफ चाय का तरसा !
गाँजा, दारू, सुट्टा, सोटय लइके दउड़य फरसा !!
खुसुर खुसुर खुसुराय दुपहरी चढ़िके महल अटारी !
दुलहिन के मुह देख के दादू दूर किहिन महतारी !!
भूलि गये दादू अब देखा कसके अम्मा पालिस !
नौ माह तक पेट फुलाए पेट के लाने बागिस !!
जेका पैदा किहिस अम्मबा अब ओहिन से हारी !
दुलहिन के मुह देख के दादू दूर किहिन महतारी !!
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मौलिक कवि आशीष जुगनू 09200573071