Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2022 · 2 min read

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग:38

===================
कौरव सेना को एक विशाल बरगद सदृश्य रक्षण प्रदान करने वाले गुरु द्रोणाचार्य का जब छल से वध कर दिया गया तब कौरवों की सेना में निराशा का भाव छा गया। कौरव पक्ष के महारथियों के पाँव रण क्षेत्र से उखड़ चले। उस क्षण किसी भी महारथी में युद्ध के मैदान में टिके रहने की क्षमता नहीं रह गई थी । शल्य, कृतवर्मा, कृपाचार्य, शकुनि और स्वयं दुर्योधन आदि भी भयग्रस्त हो युद्ध भूमि छोड़कर भाग खड़े हुए। सबसे आश्चर्य की बात तो ये थी कि महारथी कर्ण भी युद्ध का मैदान छोड़ कर भाग खड़ा हुआ।
=================
धरा पे होकर धारा शायी
गिर पड़ता जब पीपल गाँव,
जीव जंतु हो जाते ओझल
तज के इसके शीतल छाँव।
=================
जिस तारिणी के बल पे केवट
जलधि से भी लड़ता है,
अगर अधर में छिद पड़े हों
कब नौ चालक अड़ता है?
=================
जिस योद्धक के शौर्य सहारे
कौरव दल बल पाता था,
साहस का वो स्रोत तिरोहित
जिससे सम्बल आता था।
================
कौरव सारे हुए थे विस्मित
ना कुछ क्षण को सोच सके,
कर्म असंभव फलित हुआ
मन कंपन निःसंकोच फले।
=================
रथियों के सं युद्ध त्याग कर
भाग चला गंधार पति,
शकुनि का तन कंपित भय से
आतुर होता चला अति।
================
वीर शल्य के उर में छाई
सघन भय और गहन निराशा,
सूर्य पुत्र भी भाग चला था
त्याग पराक्रम धीरज आशा।
================
द्रोण के सहचर कृपाचार्य के
समर क्षेत्र ना टिकते पाँव,
हो रहा पलायन सेना का
ना दिख पाता था कोई ठाँव।
================
अश्व समर संतप्त हुए
अभितप्त हो चले रण हाथी,
कौरव के प्रतिकूल बह चली
रण डाकिनी ह्रदय प्रमाथी।
================
अजय अमिताभ सुमन
सर्वाधिकार सुरक्षित

3 Likes · 704 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
Shashi kala vyas
कदम आगे बढ़ाना
कदम आगे बढ़ाना
surenderpal vaidya
🙅आज का आह्वान🙅
🙅आज का आह्वान🙅
*प्रणय*
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
Ajit Kumar "Karn"
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
Ranjeet kumar patre
जीवन को सुखद बनाने की कामना मत करो
जीवन को सुखद बनाने की कामना मत करो
कृष्णकांत गुर्जर
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
जो लड़की किस्मत में नहीं होती
जो लड़की किस्मत में नहीं होती
Gaurav Bhatia
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
Rahul Singh
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
Anil Mishra Prahari
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
Suryakant Dwivedi
4274.💐 *पूर्णिका* 💐
4274.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#गुप्त जी की जीवनी
#गुप्त जी की जीवनी
Radheshyam Khatik
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कई जीत बाकी हैं, कई हार बाकी हैं, अभी तो जिंदगी का सार बाकी
कई जीत बाकी हैं, कई हार बाकी हैं, अभी तो जिंदगी का सार बाकी
पूर्वार्थ
अक्सर ये ख्याल सताता है
अक्सर ये ख्याल सताता है
Chitra Bisht
रिज़्क़ तू सबको दे मेरे मौला,
रिज़्क़ तू सबको दे मेरे मौला,
Dr fauzia Naseem shad
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
If you can't defeat your psyche,
If you can't defeat your psyche,
Satees Gond
" पलाश "
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत गहरी थी रात
बहुत गहरी थी रात
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
अधरों ने की  दिल्लगी, अधरों  से  कल  रात ।
अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।
sushil sarna
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
Ravi Prakash
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
Kshma Urmila
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
With every step, you learn, you soar,
With every step, you learn, you soar,
Sakshi Singh
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
gurudeenverma198
Loading...