दुर्घटनाएं
दुर्घटनाएं घटती हैं,
जाने मे अनजाने में।
इनको कभी ना रखना तुम,
दिल के तहखाने में।।
ये दुखी सदा ही करती हैं,
इन्हे अगर तुम याद रखो।
जिस को जो मिलना हैं,
जानो उसको वैसा मिलता हैं।।
दुखी कभी ना तुम होना, कि,
मेरा भाग्य ही गन्दा हैं।
जो हुआ तुम्हारे साथ कभी,
वो तेरा दुर्भाग्य ही था।।
जो मिला तुम्हे जीवन में,
अब वो तेरा सौभाग्य ही हैं।
दुर्भाग्य को ना याद करो तुम,
सौभाग्य मे ही मस्त रहो तुम।।
मैं जीवन भर सदा तुम्हारे,
पास खड़ा हूँ जानो तुम।
कोई परेशानी हो तुमको तो,
मैं पास खड़ा हूँ मानो तुम।।
ललकार भारद्वाज