दुनिया आनी जानी फानी
दुनिया आनी जानी फानी ,दुनिया आनी जानी फानी, दुनिया आनी जानी फानी,
मन मत कर अब मनमानी, रे मन मत कर अब मनमानी
दुनिया आनी जानी फानी, दुनिया आनी जानी फानी बालापन हंस खेल गंवाया
पिया के संग जवानी
बिन हरि नाम रेंन दिन बीते
काया हुई पुरानी
दुनिया आनी जानी फानी
कर से शुभ कारज नहिं कीयो
उर में जपी न बानी
तेरा मेरा करते करते
बीत गई जिंदगानी
मन में सोच जरा हे प्राणी
दुनिया आनी जानी फानी
रे मन मत कर अब मनमानी
दुनिया आनी जानी फानी
मानस तन की कदर ना जानी, खूब करी मनमानी
चला चली की बेला आई, अब काहे पछतानी
दुनिया आनी जानी फानी
रे मन मत कर अब मनमानी दुनिया आनी जानी फानी रे मन