दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
गज़ल
221/2121/1221/212
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
इंसां वही है आज भी चेहरा बदल गया।1
लड़के व लड़़कियाॅं भी सभी एक सी दिखें,
परवरदिगार कैसा जमाना बदल गया।2
हर आदमी खाते में आयेंगे पन्द्रा लाख,
जुमला था एक कह के वो बंदा बदल गया।3
बेटा हुआ था रात को खुशियां तमाम थीं,
देखा सुबह जो बाप ने बच्चा बदल गया।4
साकी पिला पर्हेज नहीं जाति धर्म से,
कोई नहीं है फर्क जो प्याला बदल गया।5
चक्कर भी मयकशी का नहीं ठीक है मियां,
ऐसी चढ़ी कि आपका हुलिया बदल गया।6
‘प्रेमी’ चले थे प्यार की मंजिल पे साथ साथ,
शादी करीब आते ही लड़का बदल गया।7
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी