दुनियां में मां समान हो मिलता नहीं कोई।
गज़ल- फिल से हासिल
221……2121…….1221……212
दुनियां में मां समान हो मिलता नहीं कोई।
मां जैसा दिल से प्यार भी करता नहीं कोई।
दुनियां में प्यार बांटने वाले मिले बहुत,
दुनियां में मां सा दूसरा देखा नहीं कोई।
मंदिर के साथ देख लो मस्जिद भी है वहीं,
दोनों रहीम राम हैं लड़ता नहीं कोई।
बेख़ौफ़ हो जलाते हैं वो देश देखिए,
कानून से भी आज तो डरता नहीं कोई।
जब पेड़ कट गये हैं तो अब घोंसले कहां,
जब घोंसले नहीं तो परिंदा नहीं कोई।
आंचल की छांव मां की अगर कोई छीन ले ,
दुनियां में उस से और बेचारा नहीं कोई।
प्रेमी हैं प्रेमिका भी हैं दुनियां में अनगिनत,
मां के समान मुझको तो प्यारा नहीं कोई।
……..✍️ प्रेमी