दुनियाँ से न्यारी मेरी गुलगुल
दुनियाँ से न्यारी मेरी गुलगुल
पापा की प्यारी मेरी गुलगुल
आँखों का ख़्वाब रातों की नींद
दिन की तैयारी मेरी गुलगुल
सुकून-ए-दिल ओ चैन की साँस
हर गम पे भारी मेरी गुलगुल
हंसते हुये रंगों का गुलशन
रब की चित्रकारी मेरी गुलगुल
है वो मेरे दिल का क़रार भी
कभी बे-केरारी मेरी गुलगुल
ऐसा फूल है दिल के आँगन में
खुश्बू सी तारी मेरी गुलगुल
है ज़िंदा ‘सरु’ उसके ही दम से
ख्वाबों की ख़ुमारी मेरी गुलगुल
——–सुरेश सांगवान’सरु’