“दुआ”
🙌 “दुआ” 🙌
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उन गरीबों के लिए “दुआ” मांगो,
रहने के लिए जिन्हें कोई घर नहीं।
उस दुखित परिवार का भला सोचो,
जिस परिवार का कोई फ्यूचर नहीं।
( स्वरचित एवं मौलिक )
© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक :- 04 / 04 / 2022.
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