दुःख
दुःख
मेरे पास तो तेरा पता है
तू अक्सर ही मिलता है
सरल है, सहज है
चन्द कदमों में महज है
नमक की तरह घुला हुआ
हर साँस में मिला हुआ
कभी सुबह भूल गए तो
फिर सांझ में मिला हुआ।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
दुःख
मेरे पास तो तेरा पता है
तू अक्सर ही मिलता है
सरल है, सहज है
चन्द कदमों में महज है
नमक की तरह घुला हुआ
हर साँस में मिला हुआ
कभी सुबह भूल गए तो
फिर सांझ में मिला हुआ।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति