दुःख का आलिंगन कर लेना
रात अँधेरी घिरी रहे
सब अस्त व्यस्त हो जीवन में
सर पर हो जाए वज्रपात
मंजिल खो जाए अँखियन में
उस वक्त़ सँभालो खुद को तुम
तन-मन में सम्बल भर लेना
हँसते-हँसते मीत मेरे
दुःख का आलिंगन कर लेना
सुख-दुख का है मेल जिंदगी
दूजे को ठुकराते क्यों
दुख भी तो हमारा ही है न
फिर उससे नजर चुराते क्यों
बाद उसी के सुख आयेगा
इसको भी सर धर लेना
हँसते-हँसते मीत मेरे
दुःख का आलिंगन कर लेना
हिम्मत बाँध के रण में जो भी
लड़ने को डट जाता है
कितना भी हो वक्त़ बुरा
धीरे-धीरे कट जाता है
इच्छाशक्ति बलवती करके
रण में तुरत उतर लेना
हँसते-हँसते मीत मेरे
दुःख का आलिंगन कर लेना
रिश्ते-नातों, सुख-दुख के संग
दुनिया सारी माया है
इस दुनिया का मालिक प्यारे
तुझमें ही तो समाया है
वही बचाएगा तुझको
मालिक पे भरोसा कर लेना
हँसते-हँसते मीत मेरे
दुःख का आलिंगन कर लेना