दीवानें आजादी के ….
******गीत*******
……….दीवानें आजादी के
इन मत वालो की हिम्मत को, देश भूलाना पायेगा !
जब जब होगा जिक्र जंग का, याद वो लम्हा आयेगा!!
लहरायेगा जब भी तिरंगा , गीत यही बस गायेगा !
भगत सिंह, सुखदेव,गुरू की, यादों में मुस्करायेगा !!
उम्र नही थी प्यारी जिनको, थी प्यारी बस आजादी !
अंग्रेजों को दिख रही थी ,इनके हाथों बरवादी !!
आज देश मे वन्देमातरम, इंकलाब फिर गूंजेगा !
भगत सिंह, सुखदेव, गुरू का ,नाम फजा में गूंजेगा !!
गाँधी की करतूतों से , ये वीर वक्त से हारे थे !
अंग्रेजो की ताकत के जिन्होनें , खुलकर पत्ते फाडे थे !
नमन हजारों इन वीरों को , गर्व से दिल ये कहता है!
“सागर” के दिल में भगत सिंह, सुखदेव,गुरू ही रहते है!!
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मूल गीतकार …..(बैखोफ शायर/लेखक)
डाँ. नरेश कुमार “सागर”