Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

दीवाना

किसी हसरत की तू मंज़िल कोई तेरा दीवाना है
मगर खामोश वो है कि मोहब्बत का फ़साना है।

हिज़्र के साज़ पर हर पल मिलन के गीत गाता है
जहां की रंजिशों से दूर उसका आशियाना है।

वो एक जुगनू चमकता है सितारों की इबादत में
अंधेरों में उसे अपना मुकद्दर आजमाना है।

तेरे दीदार के क़ाबिल नही समझा कभी खुद को
मगर उसकी नजर की हर दुआ में तेरा ठिकाना है।

-देवेन्द्र प्रताप वर्मा”विनीत”

Language: Hindi
73 Views
Books from देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
View all

You may also like these posts

पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हरेला
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हरेला
Rakshita Bora
ईश !
ईश !
Mahesh Jain 'Jyoti'
पितृपक्ष में तर्पण
पितृपक्ष में तर्पण
Sushma Singh
नारी हो कमज़ोर नहीं
नारी हो कमज़ोर नहीं
Sonam Puneet Dubey
कुछ बाते वही होती...
कुछ बाते वही होती...
Manisha Wandhare
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खोल के कान और की सुन ले,
खोल के कान और की सुन ले,
*प्रणय*
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
मज़लूम ज़िंदगानी
मज़लूम ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
प्रतिभा! ईश्वर से मिलती है, आभारी रहे। ख्याति! समाज से मिलती
प्रतिभा! ईश्वर से मिलती है, आभारी रहे। ख्याति! समाज से मिलती
ललकार भारद्वाज
बारिश
बारिश
मनोज कर्ण
Nature is my care taker now
Nature is my care taker now
Chaahat
दुनिया को पता है कि हम कुंवारे हैं,
दुनिया को पता है कि हम कुंवारे हैं,
Aditya Prakash
-मुझे उसकी याद आती है -
-मुझे उसकी याद आती है -
bharat gehlot
बरसात
बरसात
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
#ਕੌਡੀ
#ਕੌਡੀ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जब आपका मन नियंत्रण खो दें तो उस स्थिति में आप सारे शोकों का
जब आपका मन नियंत्रण खो दें तो उस स्थिति में आप सारे शोकों का
Rj Anand Prajapati
रामजी हमारा एहसान मानते हैं
रामजी हमारा एहसान मानते हैं
Sudhir srivastava
परिमल पंचपदी - नवीन विधा
परिमल पंचपदी - नवीन विधा
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
23/210. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/210. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
वेलेंटाइन / मुसाफ़िर बैठा
वेलेंटाइन / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
“गोहार: आखिरी उम्मीद ”
“गोहार: आखिरी उम्मीद ”
ओसमणी साहू 'ओश'
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
विषय तरंग
विषय तरंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" वास्ता "
Dr. Kishan tandon kranti
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
लाख़ क़ाबिल है तू इल्मो फन में
लाख़ क़ाबिल है तू इल्मो फन में
Dr fauzia Naseem shad
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
Loading...