दीवाना हो गया हूं मैं
खूबसूरती देखकर तेरी आंखों की
तेरा दीवाना हो गया हूं मैं
ढूंढता हूं बहाने तुझे देखने के लिए
कितना स्वार्थी हो गया हूं मैं।।
लोग कहते हैं मुझसे आजकल कि
तेरे इश्क में पागल हो गया हूं मैं
नहीं रहा अब मैं पहले जैसा, तेरे
नयनों के वार से घायल हो गया हूं मैं।।
तुमने तो देखा नहीं एक नज़र भी मुझे
फिर भी तुमको अपना मान बैठा हूं मैं
तेरी सूरत निगाहों से हटती ही नहीं
जबसे तुमको अपना दिल दे बैठा हूं मैं।।
दुनिया ही बदल गई जबसे इश्क हुआ
अब तेरे इश्क में ही जीना चाहता हूं मैं
मत कह उठने को तू अब मुझे
तेरे आहोश में ही सोना चाहता हूं मैं।।
हो जाती है जन्नत सी ये ज़िंदगी इश्क में
तुझको भी जन्नत दिखाना चाहता हूं मैं
साथ रहेंगे फिर मिलकर वहां हम दोनों
बस तेरी इतनी सी इजाज़त चाहता हूं मैं।।
है तेरे साथ होने का अहसास ही अलग
तेरा साया बनना चाहता हूं मैं
जो न पड़े कभी फीकी, तेरे चेहरे पर केवल
ऐसी मुस्कान देखना चाहता हूं मैं।।
क्या है दिल में तेरे, बता दे मुझे
तेरी रज़ा सुनना चाहता हूं मैं
जो तू न कहेगी मुझे, तेरी खुशी के लिए
ये गम हंसते हंसते सह जाऊंगा मैं।।