दीवाना हर इंसान होगा
दोस्त होंगे, परिवार होगा,
फिर भी मन एकांत होगा,
दौलत भी होगी,
शोहरत भी होगी,
फिर भी मन अशांत होगा।
क्या गम होगा जिंदगी में,
जिससे हर कोई अनजान होगा।
क्यों कोसना ऐसी जिंदगी को?
जिसका दीवाना हर इंसान होगा!
©अभिषेक पाण्डेय अभि